पनामा, कनाडा, ग्रीनलैंड पर क्यूँ है ट्रंप की नजर!
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पहले पनामा नहर को अमेरिका के नियंत्रण में लेने की बात कह देना, फिर कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनने की पेशकश करना, उसके बाद पूरा ग्रीनलैंड खरीदने का इरादा जताना। ऐसा लग रहा है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विस्तारवादी मंसूबे के साथ दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी 2025 को शपथ लेने जा रहे है।
डोनाल्ड ट्रंप में पनामा नहर और ग्रीनलैंड पर अमेरिका का नियंत्रण प्राप्त करने के लिए सेना का प्रयोग करने की संभावना से भी मना नहीं किया है।
आइये जानते है कि, डोनाल्ड ट्रंप ऐसा क्यूँ कह रहे है और इससे अमेरिका को क्या फायदा होगा?
पनामा नहर पर क्यूँ है डोनाल्ड ट्रंप की नजर!
डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले पनामा नहर को लेकर पनामा को चेतावनी दी थी।
ट्रंप का कहना है कि पनामा नहर से गुजरने वाले अमेरिका के जहाजो से बहुत अधिक टैक्स वसूला जा रहा है।
अगर पनामा टेक्स कम नहीं करता है तो अमेरिका पनामा नहर को अपने नियंत्रण में ले लेगा।
पनामा ने डोनाल्ड ट्रंप के इस वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये उसकी संप्रभुता का अपमान है।
एक नजर पनामा नहर पर-
अमेरिका और चीन करते है पनामा नहर का सबसे अधिक प्रयोग ।
80 किलोमीटर है पनामा नहर की कुल लम्बाई।
25,600 लोग मारे गए थे पनामा नहर को बनाने के दौरान फैले मलेरिया और यलो बुखार की वजह से।
15,000 जहाज रोज गुजरते है पनामा नहर से।
37.50 करोड़ डॉलर खर्च किये थे अमेरिका ने पनामा नहर को बनाने पर।
12,000 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा से बचाती है अमेरिका जाने वाले जहाजो की पनामा नहर।
5.2 करोड़ गैलन पानी प्रयोग होता है हर एक जहाज के पनामा नहर से गुजरने पर।
77% जहाज जो पनामा नहर से गुजरते है, वो अमेरिका जा रहे होते है या अमेरिका से आ रहे होते है।
1882 में फ़्रांस ने पनामा नहर पर काम शुरू किया था।
1904 में अमेरिका ने फ़्रांस से पनामा नहर खरीद कर इस पर काम शुरू किया।
1914 में पनामा नहर को आवागमन के लिए खोला गया था।
1977 को जो संधि हुई इसके परिणामस्वरूप नहर पनामा के नियंत्रण में चली गई।
1999 में अमेरिका ने नहर का नियंत्रण पनामा को सौप दिया था।
2007 में पनामा नहर के विस्तार का काम शुरू किया गया।
2016 में पनामा नहर के विस्तार का काम पूर्ण हुआ।
ट्रंप कनाडा को क्यूँ बनाना चाहते है अमेरिका का 51वां राज्य!
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वे कनाडा को अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए आर्थिक शक्ति का प्रयोग करेंगे।
ट्रंप का दावा है कि अमेरिका कनाडा की रक्षा पर हर साल 200 अरब डॉलर खर्च कर रहा है।
ट्रंप का कहना है कि अमेरिका कनाडा से व्यापार घाटे के रूप में भारी नुकसान उठा रहा है।
ट्रंप ने कनाडा को धमकी दी है कि वह कनाडा से आने वाले सभी उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैक्स लगायेंगे। अगर उसको इससे बचना है तो कनाडा अमेरिका का 51 वां राज्य बन जाए।
एक नजर कनाडा पर-
344 अरब डॉलर का निर्यात किया था पिछले साल कनाडा ने अमेरिका को।
393 अरब डॉलर का आयात किया कनाडा ने अमेरिका से।
200 अरब डॉलर प्रति वर्ष खर्च कर रहा है अमेरिका कनाडा की सुरक्षा पर।
2.14 ट्रिलियन डॉलर की है कनाडा की कुल जीडीपी।
अमेरिका क्यूँ खरीदना चाहता है ग्रीनलैंड को!
शीत युद्ध के समय ग्रीनलैंड का रणनीतिक महत्व एकदम से उभर कर सामने आया था।
अमेरिका ने तब ग्रीनलैंड में अपना एयर बेस बना लिया था, ताकि पड़ोसियों पर नजर रखने में आसानी हो सकें।
अमेरिका ग्रीनलैंड से रूस, चीन और यहाँ तक कि उत्तर कोरिया से आने वाली मिसाइल पर न केवल नजर रख सकता है, बल्कि उसे रोक भी सकता है।
इसी तरह से अमेरिका यहाँ से एशिया और यूरोप तक मिसाइल से हमला भी कर सकता है।
ग्रीनलैंड महत्वपूर्ण खनीज सम्पदा से भी समृद्ध है।
ग्रीनलैंड में वो सारे खनिज उपलब्ध है जो मोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन और हथियार बनाने में इस्तेमाल होते है। अमेरिका इन खनिज संसाधनों तक अपनी पहुँच चाहता है।
ग्रीनलैंड के बारे में कुछ तथ्य-
ग्रीनलैंड क्षेत्रफल के अनुसार विश्व का 12वां सबसे बड़ा देश है।
ग्रीनलैंड की जनसँख्या लगभग 60,000 है।
ग्रीनलैंड की आबादी को इनुएट कहते है। इनुएट दुकानदार लोकल केक, बर्फीली मछलियाँ और रेंडियर की सींग से बने शो-पीस बेच कर पैसे कमाते है।
19वीं सदी में ग्रीनलैंड पर डेनमार्क का नियंत्रण हो गया था। अब भी कुछ हद तक व्यवस्था कुछ हद तक ऐसी ही है।
ग्रीनलैंड फिलहाल स्वायत्त देश है जो डेनमार्क के अधीन आता है।
2 अरब डॉलर है ग्रीनलैंड की जीडीपी का आकार।
37,400 डॉलर है ग्रीनलैंड की प्रति व्यक्ति आय।